ट्रेन से कटी....
एक युवक की लाश ....
वहीँ पास में पड़ा एक छोटा बैग.......
घेरा बनाए हुए भीड़....
अपना अपना विचार दे रहे लोग...
ऐसा रहा होगा, वैसा रहा होगा...
तभी पुलिस आयी.....
बैग खोला गया...
तमाम डिग्रियां और प्रमाणपत्र...
पता चला युवक डबल एम ए था ...
एक सुसाइड नोट भी था....
लिखा था....
"आज जहाँ इंटरव्यू था...
वहां की रेट भी वही थी...
पचास हज़ार रूपये...
अब मुझे कहीं काम नहीं मिलेगा...
नहीं सह सकता अब और ताने....
नहीं जी सकता अब बन कर....
"बेरोजगार"
वल्लभ.....जुलाई, सन् १९९०