सोमवार, 17 अगस्त 2009

'प्राइमरी स्कूल'

'प्राइमरी स्कूल'

वो बस्ता.... वो पटरी...

दुधिया... और स्याही...

वो मुंशी जी की चपत...


औ पंडी जी की डांट...


वो मास्साब का टोकना...


कि... कैसे नहाते हो?


यहां मैल बैठा है...


वहां मैल बैठा है...


वो पन्द्रहअगस्त और छबिच्जन्वरी...


वो लड्डू का लालच... और प्रभात फेरी....


शनिवार की बालसभा....


इतवार की छुट्टी...


पल भर में मिल्ली औ...


पल भर में कुट्टी...


दू के दू और दू दुनी चार....


पूरा सुनाने पे गुरूजी का प्यार...


बहुत याद आता है...


अपना पहला स्कूल....


कैथी गाँव का......


'प्राइमरी स्कूल' .................
वल्लभ (जुलाई १९८९)

(कैथी गाँव, वाराणसी जिले में गंगा नदी के किनारे पर स्थित है)

8 टिप्‍पणियां:

Mahesh ने कहा…

क्या बात है....
बचपन सामने से गुजर गया....
कंधे पर लकडी की पटरी .... और हाथ में चाक का घोल...
साथ में एक शीशी...और धागा...
किताबो के पन्नों में मोर के पंखो को चाक खिलाना...
बेर और खट्टी इमली खाना ......
छुट्टी होते ही शोर मचाना...
काश की हम फिर बच्चे हो जाये...
बचपन की मस्ती में फिर खो जाये.....
यूं ही डायरी के पुराने पन्नो की खुशबु फिजा में बिखेरते रहिये... लिखते रहिये.........

श्यामल सुमन ने कहा…

बचपन का सजीव चित्रण। वाह बहुत खूब।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

hem pandey ने कहा…

बार बार आती है मुझको मधुर याद बचपन तेरी.

jitendra pandey ने कहा…

apki kavita ne dil ko chhu liya bas ab kya kahen ur imagination is great
wastav me yahi hai bachpan.

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

दू के दू और दू दुनी चार..
पूरा सुनाने पे गुरूजी का प्यार...
बहुत याद आता है...
अपना पहला स्कूल....
कैथी गाँव का......
'प्राइमरी स्कूल' ..................

बहुत खूब.... मुझे भी अपना प्राइमरी स्कूल याद आ गया .....!!

kshama ने कहा…

वो पगडंडियाँ... और वो बरगद की छाँव ...सब कुछ आवाजें देता रहा ..हमें आगे बढ्नाही पड़ा ..!

यहाँ चंद सितारे बिखरे जा रहे हैं...समटने आयें...रहनुमायीं करें तो शुक्रगुजार रहूँगी..

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वाह ........ हमारे को भी याद aa गया ........... bachpan का school, beete jamaane की याद, ....... kanchon का खेल, ....... lattoo का खेल .......... दिल को choo गयी आपकी रचना .......... लाजवाब

Dimple Maheshwari ने कहा…

जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें .....मेरी कविताओ पर टिप्पणी के लिए आपका आभार ...आगे भी इसी प्रकार प्रोत्साहित करते रहिएगा ..!!